Quick Facts
पूरा नाम | सर जोसेफ जॉन थॉमसन |
जन्म तिथि | 18 दिसंबर, 1856 |
जन्म स्थान | चीथम हिल, मैनचेस्टर के पास, इंग्लैंड (ब्रिटेन) |
आयु | 83 साल |
पिता का नाम | जॉर्ज पेजेट थॉमसन |
माता का नाम | एम्मा स्विंडेल्स |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | मैनचेस्टर विश्वविद्यालय कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
अध्ययन के विषय | • थॉमसन परमाणु मॉडल • विद्युत • इलेक्ट्रॉन • गैस • उप – परमाणविक कण |
प्रसिद्ध होने की अवस्था | • प्लम पुडिंग मॉडल • इलेक्ट्रॉन की डिस्कवरी • समस्थानिक की डिस्कवरी • द्रव्यमान स्पेक्ट्रोमीटर का आविष्कार • पहली मास – आवेश अनुपात की गणना • पहला प्रस्तावित तरंगमार्गदर्शिका • थॉमसन प्रकीर्णन • थॉमसन समस्या • शब्द ‘डेल्टा रे’ की शुरुआत • शब्द ‘एप्सिलॉन विकिरण’ की शुरुआत • थॉमसन (इकाई) |
पुरस्कार | • भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (1906) • इलियट क्रेसन मेडल (1910) • कोपले मेडल (1914), • अल्बर्ट मेडल (1915), • फ्रैंकलिन मेडल (1922) • फैराडे मेडल (1925) • डाल्टन मेडल (1931) |
क्षेत्र | भौतिकी |
नागरिकता | यूनाइटेड किंगडम |
मृत्यु तिथि | 30 अगस्त, 1940 |
मृत्यु स्थान | कैम्ब्रिज, ब्यूनाइटेड किंगडम |
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जीवन परिचय – जोसेफ जॉन थॉमसन (Joseph John Thomson)
जोसेफ जॉन थॉमसन, जिन्हें आमतौर पर जेजे थॉमसन के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने परमाणु भौतिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। उन्हें इलेक्ट्रॉन की खोज के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जिसने परमाणु संरचना की हमारी समझ में क्रांति ला दी और आधुनिक भौतिकी और रसायन विज्ञान के विकास का मार्ग प्रशस्त किया। थॉमसन के काम ने न केवल उन्हें नोबेल पुरस्कार दिलाया, बल्कि 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों में से एक के रूप में उनकी विरासत को भी मजबूत किया। यह जीवनी उनके जीवन, उपलब्धियों और विज्ञान पर उनके स्थायी प्रभाव के बारे में बताती है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जे जे थॉमसन का जन्म 18 दिसंबर, 1856 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर के उपनगर चीथम हिल में हुआ था। वे जेम्स थॉमसन, एक पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक, और एम्मा स्विंडेल्स के सबसे बड़े बेटे थे। कम उम्र से ही थॉमसन ने विज्ञान और गणित में गहरी रुचि दिखाई, जिसे उनके परिवार ने प्रोत्साहित किया, जिन्होंने उनकी बौद्धिक क्षमता को पहचाना।
थॉमसन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ओवेन्स कॉलेज, मैनचेस्टर (अब मैनचेस्टर विश्वविद्यालय) में प्राप्त की, जहाँ उन्होंने गणित और विज्ञान में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। 1876 में, 19 वर्ष की आयु में, उन्होंने इंग्लैंड के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में छात्रवृत्ति जीती। कैम्ब्रिज में, थॉमसन ने उस समय के सबसे प्रमुख भौतिकविदों में से एक, जेम्स क्लर्क मैक्सवेल के मार्गदर्शन में गणित का अध्ययन किया। उन्होंने 1880 में उच्च सम्मान के साथ अपनी डिग्री पूरी की और ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो के रूप में अपनी पढ़ाई जारी रखी।
प्रारंभिक कैरियर और अनुसंधान
1884 में, जब वे सिर्फ़ 28 साल के थे, थॉमसन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रायोगिक भौतिकी के कैवेंडिश प्रोफेसर बन गए, लॉर्ड रेले से पदभार ग्रहण किया। इस नौकरी ने थॉमसन को कैवेंडिश प्रयोगशाला का प्रभारी बना दिया, मैक्सवेल द्वारा शुरू की गई एक जगह जो जल्दी ही प्रायोगिक भौतिकी के लिए एक शीर्ष स्थान बन गई।
थॉमसन के शुरुआती काम में विद्युत चुम्बकीय बल कैसे काम करते हैं और गैसों की विशेषताओं पर ध्यान दिया गया था। वह कैथोड किरणों के काम करने के तरीके के बारे में बहुत उत्सुक थे। ये किरणें एक अजीब तरह की रोशनी हैं जिन्हें वैक्यूम ट्यूब में देखा जा सकता है। उस समय, वैज्ञानिक इस बात पर बहस कर रहे थे कि कैथोड किरणें वास्तव में क्या थीं। कुछ लोगों को लगा कि वे तरंगें हैं, जबकि थॉमसन जैसे अन्य लोगों को लगा कि वे छोटे कण हो सकते हैं।
इलेक्ट्रॉन की खोज
1897 में, थॉमसन ने कई प्रयोग किए जिन्होंने विज्ञान को हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने किरणों पर विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र लगाने के लिए कैथोड रे ट्यूब का इस्तेमाल किया और देखा कि वे किस तरह दिशा बदलती हैं। थॉमसन ने मापा कि कण कितने मुड़े और विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों की ताकत कैथोड किरणों में कणों के आवेश-से-द्रव्यमान अनुपात का पता लगाने के लिए। उनके परिणामों से पता चला कि ये कण किसी भी ज्ञात परमाणु की तुलना में बहुत छोटे और हल्के थे, जिसका अर्थ है कि वे पदार्थ के मूल भाग थे।
थॉमसन ने पाया कि कैथोड किरणें बहुत छोटे कणों से बनी होती हैं, जिनमें ऋणात्मक आवेश होता है। उन्होंने पहले इन कणों को “कॉर्पसकल” कहा, लेकिन बाद में उन्हें इलेक्ट्रॉन नाम दिया गया। यह खोज बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसने परमाणुओं के अंदर छोटे कणों का पहला प्रमाण दिखाया, जो इस विचार के विपरीत था कि परमाणुओं को विभाजित नहीं किया जा सकता है। थॉमसन के काम ने आधुनिक परमाणु सिद्धांत की शुरुआत की और पदार्थ किस चीज से बना है, इसका अध्ययन करने के नए तरीके खोले।
प्लम पुडिंग मॉडल
इलेक्ट्रॉन की खोज के बाद, थॉमसन ने परमाणु के बारे में सोचने का एक तरीका सुझाया जिसे “प्लम पुडिंग” मॉडल कहा जाता है। यह मॉडल कहता है कि एक परमाणु एक पुडिंग की तरह होता है जिसमें एक सकारात्मक आवेश होता है और इसमें छोटे-छोटे नकारात्मक आवेश होते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन कहा जाता है, जो प्लम पुडिंग में किशमिश की तरह मिश्रित होते हैं। हालाँकि इस मॉडल को अंततः बेहतर मॉडलों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, यह परमाणु सिद्धांत बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसने दिखाया कि थॉमसन ने परमाणुओं की संरचना को समझने के लिए अपनी खोजों को एक साथ रखने की कोशिश की।
विज्ञान और शिक्षा को सहायता
इलेक्ट्रॉन की खोज के अलावा, थॉमसन ने आयनीकरण का अध्ययन करने, परमाणु सिद्धांत को समझने और गैसों के माध्यम से बिजली कैसे चलती है, इस बारे में बहुत मदद की। उन्होंने आइसोटोप और मास स्पेक्ट्रोमेट्री के बारे में हमारे ज्ञान को बेहतर बनाने में बहुत मदद की, जिससे परमाणु भौतिकी और रसायन विज्ञान में भविष्य के अध्ययनों में मदद मिली।
कैवेंडिश प्रयोगशाला के प्रमुख के रूप में, थॉमसन ने कई युवा वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन किया, जो बाद में अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बन गए, जैसे अर्नेस्ट रदरफोर्ड, नील्स बोहर और फ्रांसिस एस्टन। उनके मार्गदर्शन ने कैवेंडिश प्रयोगशाला को व्यावहारिक भौतिकी के लिए एक शीर्ष स्थान बनाने में मदद की।
थॉमसन को शिक्षा और वैज्ञानिक ज्ञान को साझा करने में बहुत रुचि थी। उन्होंने महत्वपूर्ण पाठ्यपुस्तकें और शोधपत्र लिखे, जैसे “गैसों के माध्यम से बिजली का संचालन” (1903) और “रासायनिक परीक्षणों में सकारात्मक बिजली की किरणें और उनका उपयोग” (1913)। उनके लेखन ने उनके विचारों और खोजों को अधिक लोगों तक पहुँचाया, जिससे 1900 के दशक की शुरुआत में भौतिकी को प्रसिद्ध बनाने में मदद मिली।
पुरस्कार और इतिहास
अपने अभूतपूर्व काम की वजह से थॉमसन को अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार और सम्मान मिले। 1906 में, उन्होंने गैसों के माध्यम से बिजली कैसे चलती है, इस पर अपने महत्वपूर्ण काम के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीता। 1908 में उन्हें नाइट की उपाधि दी गई और 1915 में उन्हें रॉयल सोसाइटी का अध्यक्ष चुना गया, यह पद उन्होंने 1920 तक संभाला।
थॉमसन का प्रभाव विज्ञान में उनके द्वारा किए गए कार्यों से कहीं अधिक है। इलेक्ट्रॉन की उनकी खोज एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने क्वांटम यांत्रिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और आज हम जिन कई तकनीकों का उपयोग करते हैं, जैसे कंप्यूटर और मेडिकल इमेजिंग मशीन बनाने में मदद की। उन्हें अक्सर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने शास्त्रीय भौतिकी को आधुनिक भौतिकी से जोड़ा।
थॉमसन का प्रभाव उनके परिवार में भी जारी रहा। उनके बेटे जॉर्ज पेजेट थॉमसन भी वैज्ञानिक बने और 1937 में इलेक्ट्रॉन तरंगों की तरह कैसे व्यवहार करते हैं, इस पर अध्ययन करने के लिए उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला। इससे पता चलता है कि थॉमसन का वैज्ञानिक प्रभाव उनके परिवार में कैसे फैला।
व्यक्तिगत जीवन और मृत्यु
थॉमसन ने 1890 में रोज़ एलिज़ाबेथ पेजेट से शादी की और उनके दो बच्चे हुए: जॉर्ज और जोन। हालाँकि उनकी नौकरी बहुत व्यस्त थी, लेकिन थॉमसन अपने परिवार के प्रति विनम्र, देखभाल करने वाले और प्रतिबद्ध व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। उन्हें बागवानी का शौक था और वे नियमित रूप से चर्च जाते थे, जिससे पता चलता था कि वे अपने जीवन को कैसे संतुलित रखते हैं।
ज़रूर कृपया वह पाठ प्रदान करें जिसे आप चाहते हैं कि मैं सरल शब्दों में फिर से लिखूं। थॉमसन की मृत्यु 30 अगस्त, 1940 को हुई, जब वे 83 वर्ष के थे। उन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था, आइजैक न्यूटन और चार्ल्स डार्विन जैसे अन्य प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के पास। यह उनके लिए एक उपयुक्त स्थान है क्योंकि उनके काम ने प्रकृति को समझने के हमारे तरीके को बहुत बदल दिया।
निष्कर्ष
जोसेफ जॉन थॉमसन की इलेक्ट्रॉन की खोज और परमाणु सिद्धांत में उनके योगदान ने उन्हें विज्ञान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया। उनके काम ने न केवल भौतिकी के क्षेत्र को आगे बढ़ाया बल्कि आधुनिक युग को परिभाषित करने वाले तकनीकी नवाचारों के लिए मंच भी तैयार किया। अपने शोध, शिक्षण और नेतृत्व के माध्यम से, थॉमसन ने वैज्ञानिक समुदाय पर एक अमिट छाप छोड़ी, भौतिकविदों की पीढ़ियों को प्रेरित किया और पदार्थ और ब्रह्मांड के अध्ययन को प्रभावित करना जारी रखा।
Frequently Asked Question (FAQs) About Joseph John Thomson Biography:
Q. जोसेफ जॉन थॉमसन कौन थे?
जोसेफ जॉन थॉमसन, जिन्हें आमतौर पर जे जे थॉमसन के नाम से जाना जाता है, एक ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी थे जिन्हें 1897 में इलेक्ट्रॉन की खोज का श्रेय दिया जाता है। गैसों में बिजली के चालन पर उनके काम के लिए उन्हें 1906 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Q. जे जे थॉमसन का जन्म कब और कहां हुआ था?
जे जे थॉमसन का जन्म 18 दिसंबर 1856 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर के उपनगर चीथम हिल में हुआ था।
Q. जे जे थॉमसन ने क्या खोज की?
जे.जे. थॉमसन को इलेक्ट्रॉन की खोज के लिए जाना जाता है, जो पहला उपपरमाण्विक कण था, जिसे उन्होंने परमाणुओं के मूलभूत घटक के रूप में पहचाना था।
Q. किस प्रयोग से इलेक्ट्रॉन की खोज हुई?
थॉमसन की इलेक्ट्रॉन की खोज कैथोड किरणों के साथ उनके प्रयोगों से हुई, जहां उन्होंने कैथोड किरण ट्यूब का उपयोग करके दिखाया कि ये किरणें ऋणात्मक आवेशित कणों से बनी थीं, जिन्हें बाद में इलेक्ट्रॉन नाम दिया गया।
Q. जे जे थॉमसन का परमाणु मॉडल क्या है?
जे.जे. थॉमसन ने परमाणु का “प्लम पुडिंग मॉडल” प्रस्तावित किया, जिसमें बताया गया कि परमाणु धनात्मक आवेश का एक गोला है, जिसके भीतर ऋणात्मक आवेश वाले इलेक्ट्रॉन अंतर्निहित हैं, जैसे पुडिंग में प्लम।
Q. थॉमसन की इलेक्ट्रॉन की खोज का क्या महत्व था?
इलेक्ट्रॉन की खोज इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि इससे यह साबित हुआ कि परमाणु अविभाज्य नहीं थे, जैसा कि पहले माना जाता था, बल्कि उनमें छोटे उपपरमाण्विक कण होते थे। इस खोज ने आधुनिक परमाणु सिद्धांत की नींव रखी।
Q. जे जे थॉमसन ने कहां काम किया?
जे जे थॉमसन ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में काम किया, जहां वे प्रायोगिक भौतिकी के प्रोफेसर और कैवेंडिश प्रयोगशाला के निदेशक थे।
Q. क्या जे जे थॉमसन को उनके काम के लिए कोई पुरस्कार मिला?
जी हां, जे.जे. थॉमसन को गैसों द्वारा विद्युत के चालन पर उनके शोध के लिए 1906 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
Q. जे जे थॉमसन के उल्लेखनीय छात्र कौन थे?
जे जे थॉमसन ने कई प्रमुख भौतिकविदों को मार्गदर्शन दिया, जिनमें अर्नेस्ट रदरफोर्ड शामिल थे, जिन्हें बाद में परमाणु भौतिकी के जनक के रूप में जाना गया, और फ्रांसिस एस्टन, जिन्होंने आइसोटोप की खोज की थी।
Q. क्या जे जे थॉमसन का कोई परिवार था?
जी हां, जे.जे. थॉमसन का विवाह रोज़ एलिजाबेथ पैगेट से हुआ था और उनके दो बच्चे थे, जॉर्ज पैगेट थॉमसन, जिन्होंने भी भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीता था, और जोन पैगेट थॉमसन।
Q. जे जे थॉमसन ने आइसोटोप के अध्ययन में क्या योगदान दिया?
जे.जे. थॉमसन के शोध ने समस्थानिकों को समझने में योगदान दिया, विशेष रूप से कैनाल किरणों पर उनके कार्य के माध्यम से, जिसके कारण तत्वों के विभिन्न समस्थानिकों की खोज हुई।
Q. जे जे थॉमसन ने मास स्पेक्ट्रोमेट्री के क्षेत्र में क्या योगदान दिया?
जे जे थॉमसन को मास स्पेक्ट्रोमेट्री के विकास में अग्रणी माना जाता है। द्रव्यमान-से-आवेश अनुपात के साथ उनके काम ने विभिन्न समस्थानिकों की पहचान करने में मदद की।
Q. जे जे थॉमसन रॉयल सोसाइटी के फेलो कब बने?
जे.जे. थॉमसन को भौतिकी में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए 1884 में रॉयल सोसाइटी का फेलो चुना गया।
Q. क्या जे जे थॉमसन ने कोई अन्य उल्लेखनीय पद संभाला था?
हां, कैम्ब्रिज में अपनी भूमिका के अलावा, जे.जे. थॉमसन ने 1915 से 1920 तक रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में और 1918 से 1940 में अपनी मृत्यु तक ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज के मास्टर के रूप में कार्य किया।
Q. जे.जे. थॉमसन के कार्य ने भावी वैज्ञानिक अनुसंधान को किस प्रकार प्रभावित किया?
थॉमसन की इलेक्ट्रॉन की खोज और उनके परमाणु मॉडल ने क्वांटम यांत्रिकी के विकास और परमाणु संरचना के अध्ययन को गहराई से प्रभावित किया।
Q. जे जे थॉमसन ने अन्य कौन से वैज्ञानिक योगदान दिए?
इलेक्ट्रॉन की खोज के अलावा, थॉमसन ने गैसों में विद्युत के चालन, कैथोड किरणों की प्रकृति और आयनों में आवेश के वितरण पर महत्वपूर्ण शोध किया।
Q. जे जे थॉमसन की कुछ प्रकाशित कृतियाँ क्या हैं?
जे जे थॉमसन के कुछ उल्लेखनीय प्रकाशनों में “गैसों के माध्यम से विद्युत का संचालन” और “सकारात्मक विद्युत की किरणें” शामिल हैं।
Q. जे जे थॉमसन की मृत्यु कब और कैसे हुई?
जे.जे. थॉमसन का 30 अगस्त, 1940 को 83 वर्ष की आयु में कैम्ब्रिज, इंग्लैंड में निधन हो गया।
Q. जे जे थॉमसन को आज किस तरह याद किया जाता है?
जे.जे. थॉमसन को परमाणु सिद्धांत के प्रारंभिक विकास में प्रमुख व्यक्तियों में से एक के रूप में याद किया जाता है, तथा उनका योगदान भौतिकी और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में आधारभूत है।
Q. जे जे थॉमसन को कहां दफनाया गया है?
जे जे थॉमसन को लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया, यह एक दुर्लभ सम्मान है जो विज्ञान में उनके योगदान के महत्व को दर्शाता है।