अनामिका का जीवन परिचय | Dr. Anamika Ji Ka Jeevan Parichay

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अनामिका जी का स्मरणीय संकेत

पूरा नाम (Full Name)डॉ. अनामिका (Dr. Anamika)
जन्म तिथि (Date of Birth)17 अगस्त, 1961
जन्म स्थान (Place of Birth)मुजफ्फरपुर , बिहार (भारत)
आयु (Age) (जनवरी 2024)63 वर्ष
पिता का नाम ( Father’s Name)डॉ. श्यामनंदन किशोर
माता का नाम (Mother’s Name)आशा किशोर
शिक्षा (Education)एम० ए० (अंग्रेजी)
पीएच० डी०
(अंग्रेजी)
कॉलेज/विश्वविद्यालय (College/University)दिल्ली विश्वविद्यालय
अध्यापन (Teaching)दिल्ली विश्वविद्यालय
पेशा (Profession)कवि, लेखक एवं प्रोफेसर
रचनाएँ (Rachnaye)काव्य-संग्रह 
• अनुष्टुप
• दूब-धान
• टोकरी में दिगंत: थेरीगाथ : 2014
• पानी को सब याद था
• कविता में औरत 
• ग़लत पते की चिट्ठी
• बीजाक्षर
• समय के शहर में 
• खुरदुरी हथेलियाँ
कहानी-संग्रह 
• प्रतिनायक 
उपन्यास
• आईनासाज़ 
• अवान्तर कथा 
• दस द्वारे का पींजरा 
• तिनका तिनके पास 
आलोचना 
• पोस्ट एलिएट पोएट्री: अ वॉएज फ्रॉम कांफ्लिक्ट टु आइसोलेशन 
• डन क्रिटिसिज़्म डाउन दि एजेज
• ट्रीटमेंट ऑव लव एंड डेथ इन पोस्ट वार अमेरिकन विमेन पोएट्स
विमर्श  
• पानी जो पत्थर पीता है
• पानी जो पत्थर पीता है 
• साझा चूल्हा
• त्रिया चरित्रम्: उत्तरकांड 
• स्वाधीनता का स्‍त्री-पक्ष
• स्त्रीत्व का मानचित्र
• मन माँजने की ज़रूरत
संस्मरण 
• एक थे शेक्सपियर 
• एक थे चार्ल्स डिकेंस 
• एक ठो शहर था 
अनुवाद 
• नागमंडल (गिरीश कर्नाड द्वारा रचित कहानी)
• ग्रास इज़ सिंगिंग – उपन्यास
• रिल्के की कविताएँ, एफ्रो-इंग्लिश पोएम्स, अटलांट के आर-पार (समकालीन अंग्रेजी कविता)
• कहती हैं औरतें (विश्व साहित्य की स्त्रीवादी कविताएँ)
भाषाहिन्दी
पुरस्कार (Awards)• साहित्य अकादमी पुरस्कार
• राष्ट्रभाषा परिषद् पुरस्कार
• भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय

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अमरकांतडॉ० संपूर्णानन्दजयशंकर प्रसाद
संत नाभा दासप्रेमघनमोहन राकेश
महाकवि भूषण जीमाखनलाल चतुर्वेदीहरिशंकर परसाई

जीवन परिचय – डॉ. अनामिक जी (Dr. Anamika Ji)

अनामिका का जन्म 17 अगस्त 1961 को बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। उनके पिता डॉ. श्यामनंदन किशोर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति थे और साथ ही रामधारी सिंह दिनकर और गोपाल सिंह नेपाली जैसे प्रसिद्ध कवियों के साथ-साथ एक प्रसिद्ध कवि और गीतकार भी थे। उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री पुरस्कार मिला था। लोगों का मानना ​​है कि अनामिका ने कविता की शिक्षा अपने पिता से ली थी। उनकी माँ आशा किशोर एक प्रोफेसर और हिंदी विभाग की प्रमुख थीं।

अनामिका जी का शिक्षा

अनामिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार में शुरू की, लेकिन बाद में आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गईं। उन्होंने पहले दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में मास्टर डिग्री हासिल की और फिर वहीं से पीएचडी और डी.लिट. की डिग्री हासिल की। ​​अब वह दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रसिद्ध कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाती हैं।

अनामिका जी का मुख्य रचनाएँ

काव्य-संग्रह 
• अनुष्टुप
• दूब-धान
• टोकरी में दिगंत: थेरीगाथ : 2014
• पानी को सब याद था
• कविता में औरत 
• ग़लत पते की चिट्ठी
• बीजाक्षर
• समय के शहर में 
• खुरदुरी हथेलियाँ
कहानी-संग्रह 
• प्रतिनायक 
उपन्यास
• आईनासाज़ 
• अवान्तर कथा 
• दस द्वारे का पींजरा 
• तिनका तिनके पास 
आलोचना 
• पोस्ट एलिएट पोएट्री: अ वॉएज फ्रॉम कांफ्लिक्ट टु आइसोलेशन 
• डन क्रिटिसिज़्म डाउन दि एजेज
• ट्रीटमेंट ऑव लव एंड डेथ इन पोस्ट वार अमेरिकन विमेन पोएट्स
विमर्श  
• पानी जो पत्थर पीता है
• पानी जो पत्थर पीता है 
• साझा चूल्हा
• त्रिया चरित्रम्: उत्तरकांड 
• स्वाधीनता का स्‍त्री-पक्ष
• स्त्रीत्व का मानचित्र
• मन माँजने की ज़रूरत
संस्मरण 
• एक थे शेक्सपियर 
• एक थे चार्ल्स डिकेंस 
• एक ठो शहर था 
अनुवाद 
• नागमंडल (गिरीश कर्नाड द्वारा रचित कहानी)
• ग्रास इज़ सिंगिंग – उपन्यास
• रिल्के की कविताएँ, एफ्रो-इंग्लिश पोएम्स, अटलांट के आर-पार (समकालीन अंग्रेजी कविता)
• कहती हैं औरतें (विश्व साहित्य की स्त्रीवादी कविताएँ)

अनामिका का साहित्यिक परिचय

अनामिका ने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने शुरू में कविताएँ लिखीं, लेकिन बाद में उन्होंने उपन्यास, कहानियाँ, समीक्षाएँ, परिचर्चाएँ और संस्मरण लिखकर हिंदी साहित्य में योगदान दिया। उन्होंने कई पश्चिमी कृतियों का अनुवाद भी किया, जिनमें प्रसिद्ध लेखक गिरीश कर्नाड की “नागमंडल” भी शामिल है।

अनामिका जी का शिक्षण और मार्गदर्शन

अपनी साहित्यिक गतिविधियों के अलावा, अनामिका एक शिक्षाविद भी रही हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय सहित विभिन्न संस्थानों में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया है, जहाँ उन्होंने अपने ज्ञान और साहित्य के प्रति जुनून से अनगिनत छात्रों को प्रेरित किया है। एक शिक्षक के रूप में उनकी भूमिका विचारकों और लेखकों की अगली पीढ़ी को पोषित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है

अनामिक जी का प्रभाव और विरासत

अनामिका का लेखन उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत अनुभवों से आता है। उन्हें भारतीय कहानियों, किंवदंतियों और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से प्रेरणा मिलती है, और वे इन्हें आधुनिक विषयों और वैश्विक विचारों के साथ मिलाती हैं। उनका काम हाशिए पर पड़े लोगों के प्रति उनकी परवाह और सामाजिक न्याय के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। एक लेखिका के रूप में, अनामिका ने नए विचारों और आवाज़ों को लाकर हिंदी साहित्य की सीमाओं को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कई पाठकों और लेखकों को अपने काम में लिंग, पहचान और संस्कृति के बीच संबंधों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया है।

अनामिका जी व्यक्तिगत जीवन

अनामिका साहित्य और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित हैं। वह अपनी निजी जिंदगी को निजी रखती हैं, लेकिन उनके लेखन से उनके मूल्यों और विश्वासों का पता चलता है। वह विनम्र, गर्मजोशी से भरी और अपने लेखन के प्रति प्रतिबद्ध होने के लिए जानी जाती हैं।

निष्कर्ष

अनामिका हिंदी साहित्य की एक अग्रणी हस्ती हैं, जिनका काम पाठकों को प्रेरित और चुनौती देता रहता है। अपनी कविता, उपन्यास और निबंधों के माध्यम से, उन्होंने उन लोगों को आवाज़ दी है जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है, महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित किया है और महिलाओं की ताकत का जश्न मनाया है। उनके योगदान ने भारतीय साहित्य को बहुत समृद्ध किया है और साहित्य जगत पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।

FAQs: अनामिका का जीवन परिचय | Dr. Anamika Ji Ka Jeevan Parichay

Q.अनामिका कौन हैं?
अनामिका हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका हैं, जो अपने स्त्री विमर्श और संवेदनशील विषयों पर केंद्रित रचनाओं के लिए जानी जाती हैं।

Q. अनामिका की शिक्षा कहां हुई?
उन्होंने स्नातक पटना विश्वविद्यालय से और एम.ए. व पीएच.डी. दिल्ली विश्वविद्यालय से की।

Q. अनामिका की प्रमुख काव्य रचनाएँ कौन-सी हैं?
उनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं: “दूसरे घर में”, “टोकरी में दिगन्त”, और “खुदाई में हलचल”।

Q. उनकी लेखनी का मुख्य विषय क्या है?
उनकी लेखनी का मुख्य विषय स्त्री विमर्श, सामाजिक समस्याएँ, और मानव जीवन के गहरे पहलू हैं।

Q. अनामिका के उपन्यास कौन-कौन से हैं?
उनके प्रमुख उपन्यास हैं: “अवकाश का एक दिन” और “बेघर”।

Q. अनामिका को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
उन्हें “साहित्य अकादमी पुरस्कार” और “केदार सम्मान” जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।

Q. अनामिका की कविताओं की शैली कैसी है?
उनकी कविताओं की शैली सरल, संवेदनशील, और भावनात्मक है, जो पाठकों के दिलों को छूती है।

Q. क्या अनामिका अन्य भाषाओं में भी लिखती हैं?
हां, अनामिका अंग्रेज़ी में भी लिखती हैं।

Q. अनामिका का योगदान साहित्य जगत में क्यों महत्वपूर्ण है?
उन्होंने हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है और समाज के कई उपेक्षित पहलुओं को उजागर किया है।

Q. अनामिका का जन्मदिन कब है?
अनामिका का जन्मदिन 17 अगस्त 1961 को है।

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