अनामिका जैन अंबर का जीवन परिचय | Anamika Jain Amber Ka Jeevan Parichay

By The Biography Point

Published On:

Follow Us
Anamika Jain Amber Aayu kya hai, Anamika Jain Amber Biography In Hindi, Anamika Jain Amber Children, Anamika Jain Amber Jivani Hindi Me, Anamika Jain Amber Ka Janm Tithi Kab Aur Kaha Hua Tha, Anamika Jain Amber Ka Jivan Parichay, Anamika Jain Amber Ka Mata Aur Pita Ka Name Kya Hai, Anamika Jain Amber Ka Occupation Kiya Hai, Anamika Jain Amber Nationality Kya Hai, Anamika Jain Amber Pati Ka Name Kya hai, UP Board

अनामिका जैन अंबर का स्मरणीय संकेत

पूरा नाम (Full Name)अनामिका जैन अंबर (Anamika Jain Amber)
उपनाम ( Nickname)अनामिका अंबर
जन्म तिथि (Date of Birth)22 मार्च, 1983
जन्म स्थान (Place of Birth)ललितपुर, उत्तर प्रदेश (भारत)
आयु (Age)42 वर्ष (मार्च 2025)
लंबाई (Height)5 फिट 5 इंच (165 सेमी)
पिता का नाम ( Father’s Name)उत्तम चन्द्र जैन
माता का नाम (Mother’s Name)गुणमाला जैन
पति का नाम (Husband’s Name)सौरभ जैन
बेटे का नाम ( Son’s Name)1. कावी जैन
2. ग्रंथ जैन
बेटी का नाम (Daughter’s Name)ज्ञात नहीं
भाई का नाम (Brother’s Name)1. पंकज जैन
2. जितेंद्र जैन
शिक्षा (Education)बीएससी (विज्ञान)
एमएससी. (वनस्पति विज्ञान)
पीएचडी (वनस्पति विज्ञान)
कॉलेज /विश्वविद्यालय (College/University)1. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय
2. जीवाजी विश्वविद्यालय
3. मदरहुड विश्वविद्यालय
पेशा (Profession)कवि एवं गायिका
धर्म (Religion)जैन
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय

और कुछ पढ़े >

रहीम दासरामचंद्र शुक्लमालिक मोहम्मद जायसी
सुमित्रानंदन पंतभारतेन्दु हरिश्चन्द्रमुंशी प्रेमचंद
मीराबाईसुभद्रा कुमारी चौहानसूरदास
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ओमप्रकाश वाल्मीकिरसखान
सूर्यकान्त त्रिपाठीआनंदीप्रसाद श्रीवास्तवजयप्रकाश भारती
मैथिलीशरण गुप्तमहावीर प्रसाद द्विवेदीगोस्वामी तुलसीदास
अमरकांतडॉ० संपूर्णानन्दजयशंकर प्रसाद
संत नाभा दासप्रेमघनमोहन राकेश
महाकवि भूषण जीमाखनलाल चतुर्वेदीहरिशंकर परसाई

जीवन परिचय -अनामिका जैन अंबर (Anamika Jain Amber)

अनामिका जैन अंबर एक प्रसिद्ध भारतीय कवि, लेखिका, होस्ट और कार्यकर्ता हैं जो हिंदी साहित्य और कविता में अपने महत्वपूर्ण काम के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 22 मार्च, 1983 को ललितपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। छोटी उम्र से ही उन्हें साहित्य से प्यार था और स्कूल के दौरान कविता प्रतियोगिताओं में भाग लेती थीं।

अनामिका जैन अंबर शिक्षा

अनामिका का जन्म ललितपुर में बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और जाने-माने वकील उत्तम चंद्र जैन और घर की देखभाल करने वाली गुणमाला जैन के घर हुआ था। उनका एक छोटा भाई है जिसका नाम पंकज है। अनामिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ललितपुर में पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई की। उन्होंने झांसी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक (बीएससी) की डिग्री और ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस (एमएससी) की डिग्री हासिल की। ​​सीखने के प्रति अपनी लगन दिखाते हुए, अनामिका ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और उत्तराखंड के रुड़की में मदरहुड विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

अनामिका जैन अंबर साहित्यिक कैरियर

अनामिका ने 14 साल की उम्र में कविता लिखना और प्रस्तुत करना शुरू कर दिया था। वह जल्द ही एक युवा कवि के रूप में जानी जाने लगी। वह सौंदर्य, हास्य, ऊर्जा, करुणा, अलगाव, धर्म और मूल्यों जैसे कई अलग-अलग विषयों पर लिख सकती है। उन्होंने भारत और दुनिया भर में हज़ारों मंचों पर अपनी कविताएँ साझा की हैं, जिनमें दुबई, अफ्रीका, रूस, नेपाल और थाईलैंड जैसी जगहें शामिल हैं, जिससे हिंदी साहित्य के प्रसार में मदद मिली है।

अनामिका ने अपने करियर के दौरान कई टीवी शो में काम किया है। इनमें से कुछ में सब टीवी का “वाह वाह क्या बात है”, दूरदर्शन पर विभिन्न कवि सम्मेलन, टीवी पर “कवियों का सम्मेलन लाइव”, इंडिया टीवी पर “क्या बात है” और न्यूज़18 पर “लपेटे में नेताजी” शामिल हैं। वह विशेष रूप से ज़ी न्यूज़ पर “कवियुद्ध” की मेजबानी के लिए जानी जाती हैं, जहाँ उन्होंने व्यापक दर्शकों के साथ कविता साझा करने में मदद की और प्रसिद्ध और नए दोनों कवियों का समर्थन किया।

अनामिका जैन अंबर प्रकाशनों

अनामिका की तीन उल्लेखनीय कृतियाँ प्रकाशित हुई हैं:

  1. “अनामिका”
  2. “अनुसार”
  3. “वीरस्य भूषणम्”

इन प्रकाशनों ने समकालीन हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिनमें “अनामिका” पाठकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है।

अनामिका जैन अंबर व्यक्तिगत जीवन

15 दिसंबर 2006 को अनामिका ने सौरभ जैन से विवाह किया, जो एक कवि भी हैं और सुमन नाम से जाने जाते हैं। उनके दो बेटे हैं जिनका नाम काव्य और ग्रंथ है। अनामिका माँ शारदा का बहुत ध्यान रखती हैं और उन्होंने “माँ शारदे वंदना” नामक एक कविता लिखी है, जिसे वह विभिन्न आयोजनों में पढ़ना पसंद करती हैं।

उपलब्धियां और सम्मान

अपने शानदार करियर के दौरान, अनामिका को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • संगम साहित्य एवं सांस्कृतिक कला अकादमी, उत्तर प्रदेश द्वारा ‘विद्या-वाचस्पति’
  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘चक्रधर’ पुरस्कार
  • संस्कार भारती द्वारा ‘विद्या-भारती’ अलंकरण
  • जैन समुदाय द्वारा ‘काव्य-श्री’ और ‘काव्य-रत्न’
  • जैन मिलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा ‘काव्य-भूषण’ पुरस्कार
  • नारी शक्ति सम्मान-2013
  • हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खटटर द्वारा ‘काव्य अलंकार’
  • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा काव्य सम्मान
  • छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह द्वारा साहित्य सम्मान
  • उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह जी एवं श्री अखिलेश यादव जी द्वारा कविता सम्मान

उन्हें लाल किले के प्रतिष्ठित मंच से कविता पाठ करने का सम्मान भी प्राप्त हुआ है, जो इस क्षेत्र में उनकी प्रमुखता का प्रमाण है।

परंपरा

अनामिका जैन अंबर कविता के प्रति समर्पित हैं और हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। उनकी सशक्त कविताएँ लोगों को प्रभावित करती हैं और वे नए कवियों का समर्थन करती हैं, जिससे कई लोगों को प्रेरणा मिलती है। एक कवि, होस्ट और कार्यकर्ता के रूप में, अनामिका आज के हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

निष्कर्ष

अनामिका जैन अंबर एक प्रसिद्ध भारतीय कवि और लेखिका हैं, जिन्हें हिंदी साहित्य, विशेष रूप से कविता के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। पारंपरिक विषयों को समकालीन मुद्दों के साथ मिलाने की उनकी क्षमता के लिए जानी जाती हैं, उनकी एक अलग आवाज़ है जो पीढ़ियों से दर्शकों के साथ गूंजती है। उनकी रचनाएँ अक्सर देशभक्ति, सामाजिक परिवर्तन और मानवीय भावनाओं का पता लगाती हैं, जो भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विकसित होते लोकाचार का सार पकड़ती हैं।

अंबर के प्रभावशाली वाचन और आकर्षक शैली ने उन्हें साहित्यिक हलकों में व्यापक पहचान दिलाई है। हिंदी कविता को बढ़ावा देने के प्रति उनका समर्पण भारत की भाषाई विरासत को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वह आधुनिक हिंदी साहित्य में एक प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में खड़ी हैं, जो अभिव्यक्ति के शास्त्रीय और आधुनिक रूपों के बीच की खाई को पाटती हैं।

Frequently Asked Questions (FAQs) अनामिका जैन अंबर का जीवन परिचय | Anamika Jain Amber Ka Jeevan Parichay

Q. अनामिका जैन अंबर कौन हैं?
अनामिका जैन अंबर एक प्रसिद्ध भारतीय कवयित्री और मंच की अद्भुत प्रस्तोता हैं। वह मुख्यतः वीर रस, देशभक्ति, और सामाजिक विषयों पर कविताएँ लिखने और सुनाने के लिए जानी जाती हैं।

Q. अनामिका जैन अंबर का जन्म कब और कहां हुआ?
उनका जन्म 22 मार्च 1981 को उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में हुआ।

Q. अनामिका जैन अंबर किस प्रकार की कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं?
वह वीर रस, राष्ट्रभक्ति, और सामाजिक जागरूकता पर आधारित कविताओं के लिए जानी जाती हैं।

Q. क्या अनामिका जैन अंबर ने कोई पुस्तक लिखी है?
जी हां, उन्होंने “अंबर धरा” नामक एक काव्य संग्रह प्रकाशित किया है।

Q. अनामिका जैन अंबर की शिक्षा क्या है?
उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी साहित्य में विशेष रुचि रखती हैं।

Q. अनामिका जैन अंबर का पहला कविता मंच कब हुआ?
उन्होंने अपने पहले कविता मंच की शुरुआत कॉलेज के दिनों में की थी।

Q. अनामिका जैन अंबर को कौन-कौन से पुरस्कार मिल चुके हैं?
उन्हें कई साहित्यिक और सांस्कृतिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें “काव्य श्री” और “राष्ट्र गौरव सम्मान” शामिल हैं।

Q. अनामिका जैन अंबर के कविता पाठ की विशेषता क्या है?
उनका कविता पाठ शैली में जोश, अद्भुत ऊर्जा, और सटीक उच्चारण होता है, जो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है।

Q. अनामिका जैन अंबर की कौन-सी कविता सबसे प्रसिद्ध है?
उनकी कविता “मैं भारत की बेटी हूं” और “वीर रस की कविता” विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

Q. अनामिका जैन अंबर का संदेश युवाओं के लिए क्या है?
वह युवाओं को अपनी संस्कृति, देशभक्ति, और साहित्य से जुड़े रहने की प्रेरणा देती हैं और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देती हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment

close