Quick Facts – Bharat Shrivastava ‘Malayaj’
पूरा नाम | भरत श्रीवास्तव ‘मलयज’ |
जन्म तिथि | 15 अगस्त 1935 |
जन्म स्थान | महुई, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश (भारत) |
आयु (approx) | 47 साल |
पिता का नाम | श्री त्रिलोकीनाथ वर्मा |
माता का नाम | श्रीमती प्रभावती देवी |
शिक्षा | एम० ए० (अंग्रेजी) |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
पेशा | कवि, लेखक और आलोचना |
प्रमुख्य रचनाएँ | कविता संग्रह हँसते हुए मेरा अकेलापन जख़्म पर धूल अपने होने को अप्रकाशित करता हुआ निबंध संग्रह रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना), मेरा अकेलापन (सृजनात्मक गद्य), कविता से साक्षात्कार (आलोचना), संवाद और एकालाप (आलोचना), संवाद और एकालाप (आलोचनात्मक गद्य) आदि। |
भाषा | हिन्दी |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु तिथि | 26 अप्रैल, 1982 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली (भारत) |
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जीवन परिचय – भरत श्रीवास्तव ‘मलयज’ (Bharat Shrivastava ‘Malayaj’)
भरत श्रीवास्तव ‘मलयज’ का जन्म 15 अगस्त 1935 को हुआ था, ये हिंदी के प्रसिद्ध कवि, लेखक और आलोचक थे। मलयज ने रामचंद्र शुक्ल के महत्वपूर्ण विचारों को समझाने में बहुत मदद की है, यही वजह है कि उन्हें हिंदी आलोचना में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। दिल्ली में कृषि मंत्रालय में काम करने वाले मलयज की कविताओं की एक किताब है ‘अपने होने का अप्रकाशित करता हुआ’। उन्होंने कविताओं की एक किताब और अपनी समीक्षा वाली दो किताबें लिखी हैं। उन्होंने ‘अज्ञेय’ और ‘शमशेर बहादुर सिंह’ की प्रशंसा में लंबे निबंध लिखे और लोगों ने उन्हें बहुत पसंद किया। ‘पूर्वग्रह’ (मध्य प्रदेश में एक जगह) ने उनकी मृत्यु के बाद उनके बारे में एक विशेष संस्करण जारी किया है।
भरत श्रीवास्तव ‘मलयज’ प्रमुख रचनाएँ
कविता संग्रह
- हँसते हुए मेरा अकेलापन
- जख़्म पर धूल
- अपने होने को अप्रकाशित करता हुआ
- तिनके की चीख़
- दृश्य बनने तक
- रसबोध
- बसंत के पहले
- कलावती से पूछ कर
- चमड़ी के छिलते जान में
- मोहताज कविता
- चुन्नी लाल
- कुछ छूने में
- आंख से खुरचते ही
- कामचोर दिन
- अकाल मृत्यु आदि।
निबंध संग्रह
- रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना),
- मेरा अकेलापन (सृजनात्मक गद्य),
- कविता से साक्षात्कार (आलोचना),
- संवाद और (आलोचना),
- संवाद और एकालाप (आलोचनात्मक गद्य) आदि।