Quick Facts
पूरा नाम | हरभजन सिंह प्लाहा |
उपनाम | भज्जी, “द टर्बनेटर” |
जन्म तिथि | 3 जुलाई, 1980 |
जन्म स्थान | जालंधर, पंजाब (भारत) |
उम्र | 44 साल (अगस्त 2024 में) |
वजन | लगभग (71Kg) |
लंबाई | 5 फीट 11 इंच (180 सेमी) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
माता का नाम | अवतार कौर |
पिता का नाम | सरदार सरदेव सिंह प्लाहा |
पत्नी का नाम | गीता बसरा (अभिनेत्री) |
बहन का नाम | 5 बहन |
भाई का नाम | नहीं |
स्कूल | जय हिंद मॉडल स्कूल सरकारी मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय |
अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत | एकदिवसीय (वनडे)– 17 अप्रैल 1998 को, न्यूजीलैंड के खिलाफ शारजाह में, टेस्ट- 25 मार्च 1998 को, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बंगलौर में, टी-20– 1 दिसंबर 2006 को, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग में |
पेशा | पूर्व क्रिकेटर |
पसींदा शॉट | स्कूप शॉट |
बल्लेबाजी | दाहिने हाथ बल्लेबाज |
बॉलिंग | राईट आर्म ऑफ़ ब्रेक |
भूमिका | गेंदबाजी ऑलराउंडर |
जर्सी न० | No. 3 (ODI) No. 3 (IPL) |
कुल संपति (2024) में | ₹ 83 करोड़ (लगभग) |
धर्म | सिख |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
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हरभजन सिंह प्रारंभिक जीवन (Harbhajan Singh Early Life)
हरभजन सिंह, जिन्हें प्यार से “टर्बनेटर” कहा जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और सफल क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं। हरभजन का जन्म 3 जुलाई, 1980 को जालंधर, पंजाब में हुआ था। वह एक सिख परिवार में पले-बढ़े, जो परंपराओं को महत्व देता था और खेल से प्यार करता था। उनके पिता सरदार सरदेव सिंह प्लाहा एक व्यवसायी थे और उन्होंने हरभजन के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद हरभजन को अपने सपनों को पूरा करने में मदद की।
हरभजन को बचपन से ही क्रिकेट से प्यार था। वह जालंधर की छोटी गलियों में अपने दोस्तों के साथ घंटों खेल खेला करते थे। उनकी प्रतिभा को देखते हुए, उनके पिता ने उन्हें एक स्थानीय क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलाया, जहाँ उन्होंने एक ऑफ-स्पिन गेंदबाज के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। हरभजन को अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब वह छोटे थे, तो उनके पिता का निधन हो गया, जिसका मतलब था कि उन्हें अपने परिवार की मदद करनी थी। लेकिन क्योंकि वह दृढ़ निश्चयी और प्रतिभाशाली थे, इसलिए वह उन कठिन समय से बाहर निकलने में कामयाब रहे।
प्रमुखता की ओर बढ़ना
हरभजन 1990 के दशक के आखिर में भारतीय क्रिकेट में लोकप्रिय होने लगे, यह वह समय था जब टीम को अनिल कुंबले के साथ मिलकर काम करने के लिए एक मजबूत स्पिनर की जरूरत थी। उन्होंने 1997-98 के सीजन में पंजाब के लिए खेलना शुरू किया और जल्दी ही यह दिखा दिया कि वे एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उनकी गेंदबाजी शैली, जिसमें मजबूत स्पिन और अच्छी उछाल है, साथ ही दूसरा नामक एक विशेष डिलीवरी उन्हें अन्य स्पिन गेंदबाजों से अलग बनाती है।
हरभजन ने अपना पहला टेस्ट मैच मार्च 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बैंगलोर में खेला था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे स्तर पर की थी, लेकिन उन्होंने वास्तव में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 की प्रसिद्ध टेस्ट सीरीज में बड़ा नाम कमाया, जिसे “अब तक की सबसे महान टेस्ट सीरीज” के रूप में जाना जाता है। हरभजन को चोटिल सीनियर गेंदबाजों की जगह लाया गया था और उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।
यह सीरीज हरभजन के करियर में बड़ा बदलाव लेकर आई। कोलकाता में दूसरे टेस्ट में वे रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को एक के बाद एक आउट करके टेस्ट क्रिकेट में लगातार तीन विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए। उन्होंने 13 विकेट लिए और 196 रन दिए, जो भारत को दोबारा बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने के बाद एक शानदार मैच जीतने में बहुत महत्वपूर्ण था। हरभजन ने सीरीज में 32 विकेट लिए। उनके शानदार प्रदर्शन की काफी प्रशंसा हुई, जिससे वे भारत के शीर्ष ऑफ स्पिनर बन गए।
कैरियर की प्रमुख उपलब्धियां और उपलब्धियां
पिछले कुछ सालों में हरभजन सिंह भारतीय क्रिकेट टीम में एक अहम खिलाड़ी बन गए हैं। उनकी आक्रामक गेंदबाजी और प्रतिस्पर्धी भावना ने उन्हें एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बना दिया, खासकर स्पिन के अनुकूल भारतीय पिचों पर। 2000 के दशक की शुरुआत में अनिल कुंबले के साथ हरभजन की साझेदारी भारत की कई टेस्ट जीत में अहम रही।
हरभजन की कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:
- विश्व टी-20 2007 : हरभजन 2007 में पहला आईसीसी टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रमुख सदस्य थे। खेल के सबसे छोटे प्रारूप में उनका अनुभव और नियंत्रण टूर्नामेंट में भारत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण था।
- आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2011 : हरभजन ने भारत के 2011 विश्व कप अभियान की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मध्य ओवरों में उनकी किफायती गेंदबाजी भारत की विपक्षी टीमों को रोकने की क्षमता में महत्वपूर्ण कारक थी।
- टेस्ट मैच : 400 से ज़्यादा विकेट लेकर हरभजन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल स्पिनरों में से एक हैं। घर और बाहर दोनों ही परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता ने उन्हें भारतीय टीम के लिए एक अहम खिलाड़ी बना दिया है।
हरभजन का प्रभाव सिर्फ़ उनकी गेंदबाज़ी तक ही सीमित नहीं था। उन्हें निचले क्रम की बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता था, जो अक्सर टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाती थी। 2010 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ उनकी यादगार पारी, जिसमें उन्होंने लगातार दो टेस्ट शतक बनाए, ने बल्ले से योगदान देने की उनकी क्षमता को उजागर किया।
विवाद और चुनौतियाँ
हरभजन के करियर में कुछ समस्याएं और विवाद रहे हैं। सबसे चर्चित घटनाओं में से एक “मंकीगेट” कांड था, जब भारत ने 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। हरभजन पर सिडनी टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स के प्रति नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था। यह घटना एक बड़ी समस्या बन गई, जिससे दोनों क्रिकेट देशों के बीच तालमेल बिठाना मुश्किल हो गया। पहले तो हरभजन पर तीन मैच खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन बाद में पर्याप्त सबूत न होने के कारण प्रतिबंध हटा लिया गया। इस प्रकरण का हरभजन के करियर पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और इसे अक्सर क्रिकेट इतिहास के सबसे विवादित क्षणों में से एक के रूप में देखा जाता है।
हरभजन के करियर में सबसे चर्चित घटनाओं में से एक 2008 के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में “थप्पड़बाजी” की घटना थी। मुंबई इंडियंस के लिए खेलते समय, हरभजन ने एक मैच के बाद साथी भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत को मारा था। इस घटना से लोगों में काफी गुस्सा था, और परिणामस्वरूप, हरभजन को आईपीएल के शेष सत्र के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इन कठिनाइयों के बावजूद, हरभजन की ताकत और ठीक होने की क्षमता ने उनकी क्रिकेट विरासत को मजबूत बनाए रखने में मदद की।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और घरेलू क्रिकेट
हरभजन सिंह का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सफल करियर रहा है, जिसमें उन्होंने मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी टीमों के लिए खेला है। हरभजन ने मुंबई इंडियंस को कई चैंपियनशिप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लोगों ने उनके अच्छे नेतृत्व कौशल पर तब ध्यान दिया जब वे 2012 में मुंबई इंडियंस के कप्तान बने और टीम को चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 खिताब जीतने में मदद की।
अपने आईपीएल करियर के दौरान, वह एक क्रिकेटर के रूप में विकसित हुए, उन्होंने छोटे मैचों में अच्छा खेलना सीखा और साथ ही एक अच्छे गेंदबाज भी बने रहे। हरभजन ने सिर्फ़ आईपीएल में ही अच्छा नहीं खेला; उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा करके उनकी मदद भी की।
स्थानीय क्रिकेट में, हरभजन पंजाब के लिए खेलते रहे और रणजी ट्रॉफी में उनके शानदार प्रदर्शन ने घरेलू क्रिकेट में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को मजबूत किया। अपने करियर के अंतिम दौर में भी, वह भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे और अक्सर अपनी राज्य टीम के लिए महत्वपूर्ण खेलों में अच्छा प्रदर्शन करते थे।
व्यक्तिगत जीवन
क्रिकेट के अलावा हरभजन सिंह की ज़िंदगी भी काफ़ी व्यस्त रही है। उन्होंने अक्टूबर 2015 में बॉलीवुड की अभिनेत्री गीता बसरा से शादी की। इस जोड़े की एक बेटी है जिसका नाम हिनाया हीर प्लाहा है, जिसका जन्म जुलाई 2016 में हुआ और एक बेटा है जिसका जन्म जुलाई 2021 में हुआ। हरभजन अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी ज़िंदगी की छोटी-छोटी बातें शेयर करते रहते हैं, जहाँ कई लोग उन्हें फॉलो करते हैं।
हरभजन ने कई चैरिटी कार्यों में हिस्सा लिया है। उन्होंने कई चैरिटी संस्थाओं की मदद की है, खास तौर पर उन संस्थाओं की जो वंचित बच्चों की मदद करती हैं और ग्रामीण समुदायों में खेलों को बढ़ावा देती हैं। वह क्रिकेट के अलावा अन्य तरीकों से भी लोगों की मदद करते हैं और अपनी दयालुता और उदारता से कई लोगों को प्रेरित करते हैं।
सेवानिवृत्ति और विरासत
हरभजन सिंह ने कहा कि वह बीस साल से ज़्यादा समय तक चले सफल करियर के बाद 24 दिसंबर 2021 को क्रिकेट खेलना छोड़ देंगे। उनके संन्यास ने भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण समय को समाप्त कर दिया, जहाँ वह भारत और अन्य देशों में टीम की उपलब्धियों में एक प्रमुख खिलाड़ी थे।
हरभजन ने भारतीय क्रिकेट पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है। लोग उन्हें सिर्फ़ खेल में उनके योगदान के लिए ही नहीं बल्कि उनके दृढ़ निश्चय और खेल के प्रति प्रेम के लिए भी याद करते हैं। हरभजन एक ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने हमेशा चुनौतियों का सामना किया और जब सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तब अच्छा प्रदर्शन किया। इस वजह से उनके साथी और प्रतिद्वंद्वी दोनों ही उनका सम्मान करते थे।
भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। 2009 में, हरभजन को खेलों में उनके महत्वपूर्ण काम के लिए पद्म श्री मिला, जो नागरिकों के लिए भारत का चौथा सबसे बड़ा पुरस्कार है। उन्हें 2003 में भारत का प्रसिद्ध खेल पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार मिला।
सेवानिवृत्ति के बाद के उद्यम
जब से उन्होंने क्रिकेट खेलना बंद किया है, हरभजन ने अलग-अलग चीजें आजमाई हैं, जैसे अभिनय और कमेंट्री। उन्होंने 2021 में तमिल फिल्म “फ्रेंडशिप” में अभिनय करना शुरू किया, जिससे पता चलता है कि वह अलग-अलग भूमिकाएँ कर सकते हैं और नई चीजें आजमाने के लिए तैयार हैं। हरभजन ने विभिन्न क्रिकेट टूर्नामेंटों के लिए कमेंटेटर के रूप में काम किया है, और प्रशंसकों ने उनकी राय और विश्लेषण को पसंद किया है।
रिटायर होने के बाद भी हरभजन खेलों से जुड़े हुए हैं, खास तौर पर युवा खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट को बढ़ावा देने में। उन्होंने भारत में युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए कई क्रिकेट स्कूलों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ काम किया है।
निष्कर्ष
क्रिकेट में हरभजन सिंह का सफ़र दिखाता है कि वे खेल के प्रति कितने प्रतिबद्ध, मज़बूत और भावुक हैं। हरभजन की कहानी जालंधर की गलियों से उठकर दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑफ़-स्पिन गेंदबाज़ों में से एक बनने की है। यह चुनौतियों पर काबू पाने की कहानी है। भारतीय क्रिकेट पर उनका प्रभाव बहुत बड़ा है और उनका प्रभाव क्रिकेटरों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
जब से “टर्बनेटर” ने क्रिकेट खेलना बंद किया है, तब से उन्हें बहुत से लोग प्यार करते हैं। क्रिकेट और समाज के लिए उनके काम ने एक स्थायी प्रभाव डाला है। हरभजन सिंह का नाम क्रिकेट के इतिहास में हमेशा एक सच्चे महान खिलाड़ी के रूप में याद किया जाएगा।
Frequently Asked Questions (FAQs) About Harbhajan Singh Biography:
Q. हरभजन सिंह कौन हैं?
हरभजन सिंह एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं जो अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 1998 से 2016 तक भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए खेला।
Q. हरभजन सिंह का जन्म कब हुआ था?
हरभजन सिंह का जन्म 3 जुलाई 1980 को हुआ था।
Q. हरभजन सिंह कहां से हैं?
हरभजन सिंह जालंधर, पंजाब, भारत से हैं।
Q. हरभजन सिंह का उपनाम क्या है?
हरभजन सिंह को अक्सर “भज्जी” या “टर्बनेटर” के नाम से जाना जाता है।
Q. हरभजन सिंह ने टेस्ट क्रिकेट में कितने विकेट लिए?
हरभजन सिंह ने टेस्ट क्रिकेट में 417 विकेट लिए।
Q. हरभजन सिंह ने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ओडीआई) में कितने विकेट लिए?
हरभजन सिंह ने एकदिवसीय मैचों में 269 विकेट लिए।
Q. टेस्ट क्रिकेट में हरभजन सिंह का सर्वोच्च स्कोर क्या है?
टेस्ट क्रिकेट में हरभजन सिंह का सर्वोच्च स्कोर 115 है।
Q. क्या हरभजन सिंह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलते थे?
जी हां, हरभजन सिंह आईपीएल में मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
Q. हरभजन सिंह किस आईपीएल टीम के कप्तान थे?
हरभजन सिंह ने टीम के साथ अपने कार्यकाल के दौरान कुछ मैचों में मुंबई इंडियंस की कप्तानी की।
Q. क्या हरभजन सिंह ने भारत के साथ कोई विश्व कप जीता है?
जी हां, हरभजन सिंह 2007 में आईसीसी टी-20 विश्व कप और 2011 में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
Q. रिटायरमेंट के बाद क्रिकेट में हरभजन सिंह की क्या भूमिका है?
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद हरभजन सिंह ने कमेंट्री, क्रिकेट विश्लेषण और अभिनय में भी हाथ आजमाया है।
Q. क्या हरभजन सिंह किसी परोपकारी कार्य में शामिल हैं?
जी हां, हरभजन सिंह विभिन्न धर्मार्थ गतिविधियों में भाग लेने के लिए जाने जाते हैं, विशेषकर अपने गृह राज्य पंजाब में।
Q. क्या हरभजन सिंह ने किसी फिल्म में अभिनय किया है?
जी हां, हरभजन सिंह कुछ पंजाबी और तमिल फिल्मों में नजर आ चुके हैं।
Q. हरभजन सिंह का विवाह किससे हुआ है?
हरभजन सिंह का विवाह अभिनेत्री गीता बसरा से हुआ है।
Q. हरभजन सिंह की शादी कब हुई?
हरभजन सिंह ने 29 अक्टूबर 2015 को गीता बसरा से शादी की।
Q. हरभजन सिंह के कितने बच्चे हैं?
हरभजन सिंह और गीता बसरा के दो बच्चे हैं- एक बेटी जिसका नाम हिनाया हीर प्लाहा है और एक बेटा जिसका जन्म 2021 में हुआ।
Q. क्या हरभजन सिंह को अपने करियर के दौरान किसी विवाद का सामना करना पड़ा?
जी हां, हरभजन सिंह कई विवादों में शामिल रहे, जिनमें श्रीसंत के साथ कुख्यात “स्लैपगेट” प्रकरण और एंड्रयू साइमंड्स से जुड़ा “मंकीगेट” विवाद शामिल है।
Q. क्रिकेट में हरभजन सिंह की कुछ उपलब्धियां क्या हैं?
हरभजन सिंह टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज थे और भारतीय क्रिकेट इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से एक हैं।
Q. क्या हरभजन सिंह को कोई पुरस्कार मिला है?
जी हां, हरभजन सिंह को अन्य पुरस्कारों के अलावा 2009 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
Q. आज हरभजन सिंह का क्रिकेट में क्या योगदान है?
हरभजन सिंह कमेंट्री, विश्लेषण और युवा खिलाड़ियों को सलाह देने के ज़रिए क्रिकेट में सक्रिय हैं। वह क्रिकेट से जुड़े कई कार्यक्रमों और पहलों में भी शामिल होते हैं।
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