पूरा नाम | रामविलास पासवान |
जन्म | 5 जुलाई 1946, खगड़िया, बिहार (भारत) |
आयु | 74 वर्ष |
माता का नाम | सिया देवी |
पिता का नाम | जामुन पासवान |
जीवनसाथी | • राजकुमारी देवी (1969-1981) • रीना पासवान (1983-2020) |
बच्चों | 1. आशा पासवान 2. उषा पासवान 3. निशा पासवान 4. चिराग पासवान |
राजनीतिक दल | लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) |
भाई का नाम | • पशुपति कुमार पारस • राम चंद्र पासवान |
निवास स्थान | गांव+पोस्ट – शहरबन्नी, खगड़िया, बिहार (भारत) |
शिक्षा | (एमए), (एलएलबी) {पटना विश्वविद्यालय} |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु | 8 अक्टूबर, 2020, नई दिल्ली, (भारत) |
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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार राज्य के खगड़िया जिले के शाहरबन्नी नामक गांव में हुआ था। दलित परिवार से होने के कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालाँकि पासवान का जीवन कठिन था, लेकिन उन्हें बचपन से ही राजनीति सीखना और उसमें शामिल होना बहुत पसंद था। उन्होंने खगड़िया के कोसी कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और बाद में पटना विश्वविद्यालय से कानून और राजनीति विज्ञान की डिग्री हासिल की।
राजनीति में प्रवेश
पासवान का राजनीति में करियर 1960 के दशक में शुरू हुआ जब वे कॉलेज में थे और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। वे तेजी से आगे बढ़े क्योंकि वे बोलने में अच्छे थे और सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार की परवाह करते थे। 1969 में, जब वे 23 साल के थे, उन्हें बिहार विधानसभा का हिस्सा बनने के लिए चुना गया। यह राजनीति में उनके लंबे और महत्वपूर्ण करियर की शुरुआत थी।
आपातकाल और उसके बाद
रामविलास पासवान ने उस समय महत्वपूर्ण काम किया था जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 से 1977 तक आपातकाल की घोषणा की थी। सरकार की सख्त कार्रवाइयों के खिलाफ बोलने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा था। राजनीति में संकट के समय ने उन्हें लोकतंत्र का समर्थन करने और उन लोगों के लिए बोलने में और भी मज़बूत बना दिया जिनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है।
संकट के बाद पासवान जनता पार्टी में शामिल हो गए, जिसने 1977 के चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने बिहार के हाजीपुर क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भारी अंतर से जीता। इस उपलब्धि के कारण उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया।
लोक जनशक्ति पार्टी की जानकारी
2000 में, पासवान ने जनता दल पार्टी छोड़ने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नामक एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू की। LJP उन लोगों के लिए आवाज़ उठाना चाहती थी जिनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया, खासकर दलितों और गरीब पृष्ठभूमि के लोगों के लिए। उनके मार्गदर्शन में, पार्टी बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण बन गई और अक्सर राज्य और देश में गठबंधन सरकारें बनाने में मदद की।
मंत्री पद की भूमिकाएँ
पासवान का राजनीतिक जीवन विभिन्न सरकारों में विभिन्न मंत्री पदों पर उनकी सेवाओं से चिह्नित है:
- श्रम एवं कल्याण मंत्री (1989-1990) : प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह के कार्यकाल के दौरान, पासवान ने श्रम अधिकारों और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
- रेल मंत्री (1996-1998) : एच.डी. देवेगौड़ा और आई.के. गुजराल के मंत्रिमंडल में सेवा करते हुए उन्होंने रेलवे के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार की दिशा में काम किया।
- संचार मंत्री (1999-2001) : प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में, पासवान ने दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों का नेतृत्व किया, जिससे भारत में मोबाइल टेलीफोनी का विस्तार हुआ।
- कोयला और खान मंत्री (2001-2002) : उन्होंने कोयला उद्योग से संबंधित मुद्दों पर ध्यान दिया और खनिकों की कार्य स्थितियों में सुधार लाने की दिशा में काम किया।
- रसायन एवं उर्वरक मंत्री (2004-2009) : मनमोहन सिंह की कैबिनेट में, पासवान ने दवा उद्योग के लिए नीति-निर्माण और किसानों को उर्वरकों के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री (2014-2020) : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत, पासवान ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन और उपभोक्ता संरक्षण के उद्देश्य से पहल पर काम किया।
सामाजिक सुधार और वकालत
राजनीति में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, रामविलास पासवान हमेशा निष्पक्षता और समानता के लिए बोलते रहे, खासकर दलितों और अन्य समुदायों के लिए जिन्हें अक्सर दरकिनार कर दिया जाता है। वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि सभी को समान अवसर मिले। उन्होंने सकारात्मक कार्रवाई का समर्थन किया और यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि निम्न वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी पाने और स्कूल जाने के अधिक अवसर मिलें।
पासवान ने विभिन्न धर्मों के लोगों के साथ शांतिपूर्वक रहने के विचार का भी समर्थन किया और यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच कोई लड़ाई न हो। उनका मानना था कि राजनीति में सभी को शामिल किया जाना ज़रूरी है और हमेशा इस बात पर चर्चा करते थे कि विभिन्न सामाजिक और धार्मिक समूहों का एक साथ आना कितना ज़रूरी है।
विरासत और व्यक्तिगत जीवन
रामविलास पासवान राजनीति को समझने और विभिन्न राजनीतिक दलों से दोस्ती करने में माहिर थे। राजनीति को समझने की उनकी क्षमता के कारण दूसरे नेता उनका सम्मान करते थे और उन्हें बिहार की राजनीति में एक बहुत प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में देखा जाता था।
व्यक्तिगत रूप से, पासवान ने 1960 में राजकुमारी देवी से विवाह किया था, लेकिन 1981 में उनका तलाक हो गया। 1983 में उन्होंने रीना शर्मा से विवाह किया, जो एक एयर होस्टेस के रूप में काम करती थीं। उनकी पहली शादी से दो लड़कियाँ और दूसरी शादी से एक लड़का और एक लड़की थी। उनके बेटे चिराग पासवान ने अपने पिता के समान ही काम करना शुरू कर दिया। वे राजनीति में शामिल हो गए और अपने पिता के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता बन गए।
मृत्यु एवं श्रद्धांजलि
रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर, 2020 को निधन हो गया। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके योगदान और विरासत को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने अपना जीवन वंचितों के सशक्तिकरण और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
निष्कर्ष
रामविलास पासवान ने अपना जीवन निष्पक्षता और समान अधिकारों के लिए लड़ते हुए बिताया है। उन्होंने बिहार के एक छोटे से गाँव से शुरुआत की और भारत में एक शक्तिशाली नेता बन गए। उनकी कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने कभी हार नहीं मानी और दूसरों की मदद करने के लिए कड़ी मेहनत की। भारतीय राजनीति पर पासवान का प्रभाव, विशेष रूप से निष्पक्ष व्यवहार और ज़रूरतमंदों की मदद करने की नीतियों के क्षेत्र में, आने वाले लंबे समय तक याद किया जाएगा।
Frequently Asked Question (FAQs) About Ram Vilas Paswan Ka Jivan Parichay
प्रश्न: भारतीय राजनीति में रामविलास पासवान का क्या योगदान था?
उत्तर: रामविलास पासवान को हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के प्रयासों और विभिन्न मंत्रालयों में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था, जिन्होंने भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली और उपभोक्ता अधिकारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रश्न: रामविलास पासवान ने अपना राजनीतिक जीवन कब शुरू किया?
उत्तर: उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन 1969 में बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप में शुरू किया।
प्रश्न: रामविलास पासवान भारत सरकार में कौन-कौन से पदों पर रहे?
उत्तर: उन्होंने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया, जिनमें केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, और केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री शामिल हैं।
प्रश्न: रामविलास पासवान ने कौन सी पार्टी की स्थापना की?
उत्तर: उन्होंने 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की स्थापना की।
प्रश्न: रामविलास पासवान कितनी बार लोकसभा के लिए चुने गए?
उत्तर: वह नौ बार लोकसभा के लिए चुने गए।
प्रश्न: सार्वजनिक वितरण प्रणाली में रामविलास पासवान की क्या भूमिका थी?
उत्तर: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के रूप में उन्होंने भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए काम किया।
प्रश्न: क्या रामविलास पासवान को कोई पुरस्कार या सम्मान मिला?
उत्तर: हां, सार्वजनिक सेवा में उनके काम और हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के प्रयासों के लिए उन्हें कई पुरस्कार और मान्यताएं मिलीं।
प्रश्न: रामविलास पासवान की शैक्षिक पृष्ठभूमि क्या थी?
उत्तर: उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से कला में स्नातकोत्तर और विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
प्रश्न: रामविलास पासवान द्वारा क्रियान्वित की गई कुछ प्रमुख नीतियां क्या थीं?
उत्तर: उपभोक्ता अधिकार, खाद्य सुरक्षा और सामाजिक न्याय से संबंधित नीतियों को लागू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
प्रश्न: रामविलास पासवान ने दलित समुदाय के लिए क्या योगदान दिया?
उत्तर: उन्होंने दलित समुदाय के अधिकारों की वकालत की और उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू करने के लिए काम किया।
प्रश्न: सामाजिक न्याय पर रामविलास पासवान का क्या रुख था?
उत्तर: वह सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक थे और असमानता तथा भेदभाव के मुद्दों के समाधान के लिए काम करते थे।
प्रश्न: रामविलास पासवान के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता कौन बने?
उत्तर: उनके बेटे चिराग पासवान लोजपा के नेता बने।
प्रश्न: रामविलास पासवान अपने पीछे क्या विरासत छोड़ गए?
उत्तर: उन्होंने समर्पित सार्वजनिक सेवा, हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए वकालत और भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान की विरासत छोड़ी है।
प्रश्न: रामविलास पासवान की नीतियों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: उपभोक्ता मामलों और खाद्य वितरण में उनकी नीतियों का खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करके भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
प्रश्न: गठबंधन की राजनीति के प्रति रामविलास पासवान का दृष्टिकोण क्या था?
उत्तर: वे गठबंधन बनाने और गठबंधन सरकारों में प्रभावी ढंग से काम करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे, जिससे उन्हें विभिन्न प्रशासनों में भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका बनाए रखने में मदद मिली।
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