श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी का स्मरणीय संकेत
पूरा नाम (Full Name) | इंद्रेश उपाध्याय |
भक्ति उपनाम (Bhakti Nickname) | • श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी • पूज्य श्री इंद्रेश महाराज जी • श्री इंद्रेश उपाध्याय (Shri Indresh Upadhyay) |
जन्म तिथि (Date Of Birth) | 7 अगस्त, 1997 |
जन्म स्थान (Place Of Birth) | वृंदावन, उत्तर प्रदेश (भारत) |
आयु (Age) | 27 वर्ष (मार्च 2025 में) |
ऊंचाई (Height) Approx | 5 फीट 8 इंच |
वजन (Weight) Approx | 78 किलोग्राम |
पिता का नाम (Father’s Name) | श्री कृष्णचंद्र ठाकुर जी |
माता का नाम (Mother’s Name) | श्रीमती नरवादा शर्मा |
बहन (Sister) | 3 बहन |
वैवाहिक स्थिति (Martial Status) | अविवाहित |
शिक्षा (Education Qualification) | श्रीमद् भागवत महापुराण का अध्ययन |
कॉलेज/विश्वविद्यालय (College/University) | कान्हा माखन पब्लिक स्कूल वृंदावन |
पेशा (Occupation) | • भागवत कथावाचक, • आध्यात्मिक कथाकार, • भक्ति संगीतकार |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste)) | ब्राह्मण |
राशि (Zodiac Sign) | सिंह |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
कुल संपत्ति (Net Worth) 2025 में | लगभग ₹. 10 करोड़ |
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जीवन परिचय – श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी (Shri Indresh Upadhyay Maharaj Ji)
श्री इंद्रेश उपाध्याय जी एक सम्मानित आध्यात्मिक नेता और कथावाचक हैं, जो श्रीमद् भागवत कथा की गहन व्याख्या के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 7 अगस्त, 1997 को वृंदावन, उत्तर प्रदेश में हुआ था और वे एक धार्मिक परिवार में पले-बढ़े थे, जो आध्यात्मिक परंपराओं का बारीकी से पालन करते थे। उनके पिता, श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री, एक सम्मानित शिक्षक थे और उनका उनके आध्यात्मिक पथ पर बहुत प्रभाव था।
इंद्रेश उपाध्याय ने छोटी उम्र से ही अध्यात्म में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वृंदावन के कान्हा माखन पब्लिक स्कूल में प्राप्त की। अपने पिता की मदद से उन्होंने 13 वर्ष की आयु तक संपूर्ण श्रीमद्भागवत महापुराण सीख लिया, जो उनकी कड़ी मेहनत और शानदार स्मरण शक्ति का परिचय देता है।
श्री इंद्रेश उपाध्याय जी का ट्रेंडिंग शीर्ष गीत
श्री इंद्रेश उपाध्याय एक प्रसिद्ध गायक हैं जो अपने हृदयस्पर्शी भजनों और धार्मिक गीतों के लिए जाने जाते हैं। यहाँ उनकी कुछ महत्वपूर्ण रचनाएँ दी गई हैं:

- ऐसो चातक मटक सो ठाकुर
- हरि का भजन करो
- राधा रामनम हरे हरे
- जादू करके
- माई बैरागन
- मेरो मन वृंदावन में अटको
- राधा गोरी गोरी
- सूर्य राधिका दुलारी
- श्याम ना मिला
श्री इंद्रेश उपाध्याय जी आध्यात्मिक प्रयास
इंद्रेश उपाध्याय श्रीमद्भागवत कथा की रोचक कथावाचन के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके सुंदर गायन और अर्थपूर्ण कहानियों ने उन्हें दुनिया भर के लोगों का प्रिय बना दिया है, जो श्रोताओं को प्रेम और आध्यात्मिकता की दुनिया में ले जाते हैं। वह भक्ति गीतों के एक प्रतिभाशाली गायक हैं, और उनके भजन सुनने वालों के दिलों को छू जाते हैं।
श्री इंद्रेश उपाध्याय जी भक्तिपथ पहल
इंद्रेश उपाध्याय ने आध्यात्मिक ज्ञान साझा करने और श्रीमद् भागवत कथा से सबक सिखाने के लिए ‘भक्तिपथ’ की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के ज़रिए, वह ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के साथ आध्यात्मिक सबक साझा करना चाहते हैं, ताकि उन्हें भक्ति को बेहतर ढंग से समझने और सही काम करने में मदद मिल सके।

श्री इंद्रेश उपाध्याय जी गौ कल्याण के प्रति समर्पण
इंद्रेश उपाध्याय के काम का एक अहम हिस्सा गायों की देखभाल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है। वह गायों की देखभाल और उनके प्रति सम्मान दिखाने के प्रयासों में हिस्सा लेते हैं, जिससे पता चलता है कि हिंदू संस्कृति में गायों का कितना महत्व है। इस क्षेत्र में उनके काम से पता चलता है कि वह पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने और उनका समर्थन करने के लिए समर्पित हैं।
श्री इंद्रेश उपाध्याय जी वैश्विक पहुंच
इंद्रेश उपाध्याय ने अपनी रोचक कहानियों और आध्यात्मिकता के बारे में बातचीत के कारण दुनिया भर में कई प्रशंसक प्राप्त किए हैं। वह सभी उम्र के लोगों से जुड़ सकते हैं, जिसने उन्हें आधुनिक आध्यात्मिक समूहों में एक प्रसिद्ध व्यक्ति बना दिया है, जो कई लोगों को अपना आध्यात्मिक मार्ग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष
श्री इंद्रेश उपाध्याय जी के जीवन में दृढ़ समर्पण, आध्यात्मिक समझ की निरंतर खोज और समाज की मदद करने की निरंतर प्रतिबद्धता दिखाई देती है। उनकी शिक्षाएँ आज भी कई लोगों को प्रेरित करती हैं, उन्हें जीने का सही तरीका खोजने और अंदर से शांत महसूस करने में मदद करती हैं।
Frequently Asked Questions (FAQs) Shri Indresh Upadhyay Ji:
Q. श्री इंद्रेश उपाध्याय जी कौन हैं?
Ans: श्री इंद्रेश उपाध्याय जी एक प्रतिष्ठित कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु हैं, जो श्रीमद्भागवत कथा और अन्य धार्मिक विषयों पर प्रवचन करते हैं।
Q. वे किस प्रकार की कथाएँ करते हैं?
Ans: मुख्यतः श्रीमद्भागवत कथा, रामायण, महाभारत और अन्य हिंदू धर्मग्रंथों पर आधारित कथाएँ प्रस्तुत करते हैं।
Q. उनकी कथाओं का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans: लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करना, धर्म के प्रति जागरूक करना और जीवन में नैतिक मूल्यों को स्थापित करना।
Q. क्या उनकी कथाएँ ऑनलाइन उपलब्ध हैं?
Ans: हाँ, उनकी कई कथाएँ यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, “प्रश्नोत्तरी – सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न” शीर्षक से एक वीडियो उपलब्ध है।
Q. क्या वे किसी विशेष संस्था से जुड़े हैं?
Ans: उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वे स्वतंत्र रूप से कथाएँ करते हैं और विभिन्न धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं।
Q. क्या वे विदेशों में भी कथाएँ करते हैं?
Ans: मुख्यतः भारत में सक्रिय हैं, लेकिन प्रवासी भारतीय समुदाय के निमंत्रण पर विदेशों में भी कथाएँ कर सकते हैं।
Q. उनकी कथाओं की विशेषता क्या है?
Ans: सरल भाषा, रोचक शैली और श्रोताओं के साथ संवादात्मक प्रस्तुति उनकी कथाओं की विशेषताएँ हैं।
Q. क्या वे सामाजिक मुद्दों पर भी बोलते हैं?
Ans: हाँ, वे अपने प्रवचनों में सामाजिक मुद्दों, नैतिकता और जीवन मूल्यों पर भी चर्चा करते हैं।
Q. उनकी आध्यात्मिक यात्रा कब शुरू हुई?
Ans: उनकी आध्यात्मिक यात्रा के अनछुए पहलुओं पर आधारित एक वीडियो उपलब्ध है।
Q. क्या वे व्यक्तिगत सलाह भी देते हैं?
Ans: आम तौर पर वे सार्वजनिक प्रवचनों में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, लेकिन व्यक्तिगत सलाह के लिए उनसे संपर्क करने के लिए विशेष व्यवस्था की आवश्यकता हो सकती है।
Q. श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी का कुल संपत्ति कितनी है?
Ans: श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी का 2025 में लगभग 10 करोड़ रुपया हैं।